उप्र पुलिस ने हिंसा के वीडियो जारी किए; मेरठ में फायरिंग करता दिखा युवक, रामपुर में उग्र थे प्रदर्शनकारी

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में आगजनी, तोड़फोड़ व फायरिंग की घटनाएं हुईं। इस दौरान 18 लोगों की जान गई। इसके बाद हिंसा प्रभावित जिलों में इंटरनेट पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब हिंसा के विजुअल सतह पर आने लगे हैं। प्रदर्शन के दौरान हिंसा किस कदर फैलाई गई, पुलिस अपने इस दावे को जायज ठहराने के लिए वीडियो वायरल किया जा रहे हैं। 


नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश रहा है। यहां मेरठ में छह लोगों की जान गई। मेरठ पुलिस ने तीन वीडियो व कुछ फोटो जारी किए हैं, जिसमें एक युवक नीली जैकेट में चेहरा ढंककर भीड़ में शामिल होता है और घूमता दिखाई देता है। युवक भीड़ में फायरिंग करता है फिर फरार हो जाता है। इसी तरह गलियों से पथराव का भी वीडियो सामने आया है।


नागरिकता कानून के विरोध में बीते 21 दिसंबर को रामपुर के हाथीखाना चौराहे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी, तोड़फोड़ कर सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। यहां पुलिस प्रशासन ने हिंसा की वीडियो व फोटो सार्वजनिक किए हैं। प्रशासन ने यहां 28 लोगों को 25 लाख का नोटिस भेजा है। इन्हें एक सप्ताह के भीतर संबंधित न्यायालय के समक्ष पेश होकर बताना होगा कि, कार्रवाई क्यों न की जाए? जिन्हें नोटिस जारी किया गया, अधिकतर आरोपी जेल में हैं। 


डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि, जिलों में हुई हिंसा के दौरान 288 पुलिसकर्मी घायल हुए। उनमें से 60 को फायर आर्म्स इंजरी है। पूरे प्रदेश में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इस दौरान 1000 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। साथ ही 6,000 के आसपास लोगों को हिरासत में लेकर रिहा किया गया। लेकिन इन लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।