नोटिफिकेशन हुआ, बल मंजूर; फिर भी ठंडे बस्ते में माननीयों का वीआईपी थाना

माननीयों के इलाके में वीआईपी थाना स्थान न मिल पाने के कारण अटक गया है। जनवरी 2019 में इसका गजट नोटिफिकेशन हुआ और बल भी स्वीकृत हो गया, लेकिन 13 महीने बाद भी इसे शुरू नहीं किया जा सका है। थाने के लिए पुलिस की नजर विधायक विश्राम गृह स्थित युवा भवन पर है। हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष ने थाने के लिए प्रस्तावित जमीन के एक हिस्से में अस्पताल भी खोलने की अनुशंसा की है। थाने को लेकर फिलहाल कोई फाइल आगे नहीं बढ़ी, लेकिन डीजीपी के निर्देश के बाद अस्पताल के लिए एक कमेटी जरूर बना दी गई है।


नया थाना खोले जाने से माननीय व सम्माननीय की सुरक्षा के बेहतर इंतजाम होंगे व थाना जहांगीराबाद का दबाव भी कम होगा। इस थाने को वीआईपी के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए पहले एमएलए क्वार्टर स्थित चौकी को अपग्रेड किया गया। दावा था कि थाना चुनाव बाद काम करना शुरू कर देगा। अस्पताल बनाने की अनुशंसा होने के बाद डीजीपी ने इसके लिए एक कमेटी गठित कर दी है। इसमें एआईजी वेलफेयर, एसडीओ पुलिस हाउसिंग, पुलिस अस्पताल के डॉक्टर और एएसपी भोपाल को शामिल किया है। सूत्रों का कहना है कि कमेटी ने भोपाल पुलिस से थाने के लिए प्रस्तावित जमीन का खसरा और नक्शा मांगा है। इसके बाद तय होगा कि जमीन के कितने हिस्से में थाना व कितने में अस्पताल बनाया जाएगा। 
 


फर्क- दो हिस्सों में बंट जाएगा जहांगीराबाद थाना


वीआईपी थाना खुलने के बाद जहांगीराबाद थाना दो हिस्सों में बंट गया है। जेल पहाड़ी से पुलिस कंट्रोल रूम तिराहा वाली मुख्य सड़क से रोशनपुरा और मालवीय नगर का पूरा हिस्सा वीआईपी थाना क्षेत्र का हिस्सा होगा। थाना जहांगीराबाद में कंट्रोल रूम तिराहा से जेल मुख्यालय की ओर जाने वाली मुख्य सड़क से जिंसी, बरखेड़ी, पुलिस मुख्यालय, नीलम पार्क आदि क्षेत्र होगा।


जरूरत क्यों- अति सुरक्षित इमारतें इसी क्षेत्र में- अब तक अति सुरक्षित सरकारी इमारतें जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में आती हैं। यहां होने वाले धरना-प्रदर्शन से पुलिस की व्यस्तता कानून व्यवस्था ड्यूटी में ज्यादा रहती थी। इससे स्टाफ का वक्त वीआईपी सुरक्षा में निकल जाता था और अपराधों की विवेचना पर असर पड़ता था। राजभवन परिसर या उसके बाहर होने वाली गतिविधियों पर कार्रवाई के लिए वीआईपी थाना जिम्मेदार होगा।


नोटिफिकेशन- एसएचओ समेत 30 का बल 


डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि वीआईपी थाने का गजट नोटिफिकेशन 25 जनवरी को हो गया था। इसके लिए बल भी स्वीकृत कर लिया है। यहां सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को एसएचओ बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां 2 एएसआई, 6 हवलदार और 21 सिपाही स्वीकृत किए गए हैं। थाने के लिए एक स्थान देखा गया है, जो कानून व्यवस्था और अन्य मापदंडों पर थाने के लिहाज से सटीक है।


छोला मंदिर, ऐशबाग व कोहेफिजा थानों की राह भी आसान नहीं



  • पुलिस चौकी से थाना बने छोला मंदिर थाने को 8 साल बीते गए, लेकिन अब भी यहां न तो लॉकअप है और न ही महिला प्रसाधन। थाना निगम भवन के टपरे में संचालित हो रहा है। इस थाने का नया भवन बनने का मसला इन दिनों टीएंडसीपी में अटका है।

  • कई सालों से ऐशबाग स्टेडियम के भवन में संचालित ऐशबाग थाने के लिए प्रस्तावित जमीन भी खटाई में पड़ती नजर आ रही है। 4 जनवरी 2020 को वल्लभ भवन की आरक्षण समिति के पास थाने के लिए जमीन आरक्षण का प्रस्ताव लंबित है। 

  • लालघाटी चौराहे पर ग्राम नयापुरा में 5000 वर्गफीट जमीन पर कोहेफिजा थाने का भवन बनाने का प्रस्ताव है। 14 अगस्त 2018 को जमीन आवंटन के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर वक्फ बोर्ड ने स्टे ले लिया है। भवन के लिए 70 लाख स्वीकृत हैं।