कमलापति महल में गर्मी में होती थी आर्टिफिशियल बारिश

इस महल की कहानी सुनते ही कुछ-कुछ रानी पद्मावती की कहानी सुनने जैसा अहसास होता है। जिसमें रानी की खूबसूरती के कारण राजा संकट में आ जाते हैं और रानी की सूझ-बूझ काम आती है। पद्मावती की तरह ही कमलापति की कहानी की भी हैप्पी एंडिंग नहीं है। इस महल की कहानी सुना रही हैं एएसआई के लिए महल को डॉक्यूमेंट करने वाली पुरातत्वविद पूजा सक्सेना।  


छोटा किला बनवाया था गर्मियों के लिए 
गोंड राजा निजामशाह और रानी कमलापति का मुख्य किला तो गिन्नौरगढ़ में था, लेकिन गर्मियों के लिए उन्होंने यहां एक छोटा किला बनवाया था। यह किला कब बनवाया गया, इसका कोई लिखित उल्लेख नहीं मिलता, लेकिन आर्किटेक्चर देखें, तो 17वीं शताब्दी के अंतिम दशकों को किले के बनने का समय माना जा सकता है। 1720 में दोस्त मोहम्मद खां ने इस किले पर अधिकार कर लिया था, तो संभव है कि यह 1680 या 1690 के आस-पास बना होगा।